Archive - December 2018

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ज़िन्दगी लौट जा तू फिर किसी एक दिन..
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तुम एक ख्वाब ही तो हो..

ज़िन्दगी लौट जा तू फिर किसी एक दिन..

ज़िन्दगी लौट जा तू फिर किसी एक दिन, मौत से भी मिला तू फिर किसी एक दिन… ना जाने कब से कैद है दुनिया के इस पिंजरे मे, ना जाने कब से कैद है दुनिया के इस पिंजरे मे, पंछी बन के उड़ जा तू फिर किसी एक दिन… जिंदगी लौट जा तू फिर किसी[…]

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तुम एक ख्वाब ही तो हो..

      तुम एक ख्वाब ही तो हो, जिसे देखता रोज़ हू पर पा नहीं सकता, तुम एक एहसास ही तो हो, जिसे मेहसूस तो करता हू पर बाट नहीं सकता, तुम आवाज़ ही तो हो, जिसे सुनता हू पर केह नहीं सकता, तुम राज़ ही तो हो, जिसे खुद से छुपाता हू पर[…]

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